क्या संभव है कर्मचारी और सरकार का संवाद ?
जो बात आज एक मजदूर सोच रहा है एक छोटा व्यापारी सोच रहा है | उससे कही आगे की एक सरकारी कर्मचारी सोच रहा है | मजदूर लॉक डाउन खुलते ही अपनी दैनिक मजदूरी की चिंता करता है उसी तरह व्यापारी अपनी आर्थिक स्थति सुधारने का प्रयास करेगा | बड़ी बड़ी फर्म्स भी इस लॉक डाउन के किस प्रकार फायदा उठा सके इस पर मीटिंग्स कर रहे होंगे |
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Sarkari Karmchari or Nijikaran |
लेकिन सरकारी कर्मचारी चिंता करता है अपने देश की अर्थ व्यवस्था की भले वो कुछ कर न सके लेकिन वो चिंता जरुर करता है | और देश की अर्थव्यवस्था की चिंता करना जितना उसका अधिकार है उतना ही उसका कर्तव्य भी है | लेकिन केवल चिंता करके वो क्या करलेगा | अधिक से अधिक वो अपने कार्यालय में इस पर चर्चा कर लेगा |
देश का एक और वर्ग है जो इसी प्रकार की चिंता करता है | वो वर्ग है सरकारी कर्मचारियों का परिवार | जैसे एक कर्मचारी अपने विभाग को अपना परिवार मानता है उसका निजी परिवार भी उसी भावना से विभाग या प्रशाशन से जुड़ा हुआ है | खैर विषय ये नहीं है की कौन ज्यादा चिंता करता है और कौन कम |
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Sarkari Karnchari |
इस सब के साथ सरकार भी चिंतित है देश की अर्थ व्यवस्था को लेकर और उसके लिए कई फैसले भी लिए गए है | लेकिन जब कर्मचारी वर्ग देश की चिंता कर सकता है तो क्यों सरकार उस कर्मचारी वर्ग की चिंता नहीं करता जो चिंता भी करता है तो निस्वार्थ भाव से |
इसी लिए सरकार ने कई कर्मचारी विरोधी फैसले भी लिए है और भविष्य में निजीकरण का खतरा तो है ही वैसे निजीकरण कोई समस्या नहीं है | निजीकरण केवल एक विकल्प है और ये विकल्प तब तक सरकार नहीं छोड़ सकती जब तक कोई दूसरा इससे बेहतर विकल सरकार के पास नहीं होगा |
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Nijikaran |
इस समस्या के समाधान में आभाव केवल संवाद का है | कर्मचारी और सरकार के बीच संवाद का | जिसका उतरदायत्व कर्मचारि संघठनो का है | वैसे संघठनो ने कर्मचारियों के हित में अभूतपूर्व कार्य किये है जिनको गिनाया नहीं जा सकता | फिर भी संघठनो से गुजारिश है की सरकार और छोटे से छोटे कर्मचारी के बीच संवाद स्थापित करने का प्रयास करे ताकि | कर्मचारी अपनी बात सरकार तक पहुंचा सके | आप के डिजिटल दौर में ये असंभव भी नहीं है |
रेल संघठनो की बात करे तो कई बड़े बड़े संघठन है | इन संंघठनो का राष्ट्रीय स्तर पर एक पोर्टल तैयार करवाना चाहिए जिसमे छोटे से छोटा रेल कर्मचारी अपनी बात सरकार तक संघठन के माध्यम से सीधे पहुंचा सके | और उस पोर्टल के सुझावों को कर्मचारियों और देश के हित में सीधे सरकार तक पहुंचे |
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Digital Portal |
इससे संघठन की ख्याति और प्रसिद्धि तो होगी ही साथ ही अधिक से अधिक कर्मचारी यूनियन के माध्यम से सरकर से सीधा संवाद कर
साभार
नटवर दान चारण