disinvestment

 

एक कितना शानदार #झूठ फैला दिया जाता है कि कांग्रेस सरकारी बैंक बनाती है और मोदी सरकार उसे बेच देती है और काफी सारे लोग उस झूठ पर यकीन भी कर लेते हैं।■ 

indian bank

*आज जो निजी क्षेत्र के 3 सबसे बड़े बैंक हैं यानी ICICI बैंक  एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक यह तीनों कभी सरकारी हुआ करते थे लेकिन पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह ने इन्हें बेच दिया*

icici bank

आई सी आई सी का पूरा नाम इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया था ..यह भारत सरकार की ऐसी संस्था थी जो बड़े उद्योगों को लोन देती थी लेकिन एक झटके में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने इसका डिसइनवेस्टमेंट करके इसे प्राइवेट बना दिया और इसका नाम और आईसीआईसीआई बैंक हो गया 


आज जो एचडीएफसी बैंक है उसका पूरा नाम हाउसिंग डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया था यह भारत सरकार की एक ऐसी संस्था हुआ करती थी जो मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ते ब्याज पर होम लोन देने का काम करती थी


 नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह ने कहा सरकार का काम सिर्फ गवर्नेंस करना है होम लोन बेचना नही है 


 मनमोहन सिंह  इसे जरूरी कदम बताते हैं और कहते हैं सरकार का काम सिर्फ सरकार चलाना है बैंक चलाना लोन देना नहीं 


और एक झटके में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने एचडीएफसी बैंक को बेच दिया और यह निजी क्षेत्र का बैंक बन गया 

hdfc bank

इसी तरह की बेहद दिलचस्प कहानी एक्सिस बैंक की है 


भारत सरकार की एक संस्था हुआ करती थी उसका नाम था यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया यह संस्था लघु बचत को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी यानी आप इसमें छोटे-छोटे रकम जमा कर सकते थे मनमोहन सरकार नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा की सरकार का काम चिटफंड की स्कीम चलाना नहीं है और एक झटके में इसे बेच दिया गया पहले इसका नाम यूटीआई बैंक हुआ और बाद में इसका नाम एक्सिस बैंक हो गया

axis bank

इसी तरह आज आईडीबीआई बैंक है जो एक प्राइवेट बैंक है एक समय में यह भारत सरकार की संस्था हुआ करती थी जिसका नाम था इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया इसका भी काम उद्योगों को लोन देना था लेकिन मनमोहन सिंह ने इसे भी बेच दिया और आज यह निजी बैंक बन गया


अपनी यादाश्त को कमजोर न होने दो कभी


 डिसइनवेस्टमेंट पॉलिसी को भारत में कौन लाया था जरा सर्च कर लो जब *नरसिंम्ह राव के समय में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे जब मनमोहन सिंह ने संसद में कहा था मैक्सिमम गवर्नमेंट लेस गवर्नेंस उन्होंने कहा था कि सरकार का काम धंधा करना नहीं सरकार का काम गवर्नेंस देना है* ऐसा माहौल देना है कि लोग यह सब काम करें.


मनमोहन सिंह ने ही *सबसे पहले टोल टैक्स पॉलिसी लाई थी* यानी निजी कंपनियों द्वारा सड़क बनाओ और उन कंपनियों को टोल टैक्स वसूलने  का परमिशन दो.

privet road constraction

मनमोहन सिंह ने *सबसे पहले एयरपोर्ट की निजी करण* की शुरुआत की थी और सबसे पहला दिल्ली का *इंदिरा गांधी एयरपोर्ट को जीएमआर ग्रुप को* दिया गया.

आज चम्पक उछल उछल कर नाच नाच कर बेसुर रागा गाता फिर रहा है, "मोदी ने दोस्तो को बेच दिया..


*मनमोहन सिंह करें तो - विनिवेश*


*मोदी करें तो - देश को बेचा .. !!!*


 *2009-10 में मनमोहन सिंह ने 5 कंपनियां बेचीं*-


 NHPC Ltd.-

 OIL - ऑयल इंडिया लिमिटेड


 एनटीपीसी - नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन

 आरईसी - ग्रामीण विद्युतीकरण निगम

 एनएमडीसी - राष्ट्रीय खनिज विकास निगम


 *2010-11 में, मनमोहन सिंह ने 6 कंपनियाँ बेचीं!*


 एसजेवीएन - सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड

 ईआईएल - इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड

 CIL - कोल इंडिया लिमिटेड

coal india

 पीजीसीआईएल - पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया

 MOIL - मैंगनीज अयस्क इंडिया लिमिटेड

 एससीआई - शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया।


*2011-12 में मनमोहन सिंह ने 2 कंपनियाँ बेचीं*

manmohan singh

 पीएफसी - पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन।

 ओएनजीसी - तेल और प्राकृतिक गैस निगम


*2012-13 में, मनमोहन सिंह ने बेचीं 8 कंपनियां-*


 सेल - भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड

 नाल्को - नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड

 आरसीएफ - राष्ट्रीय रसायन और उर्वरक

 एनटीपीसी - नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन

 OIL - ऑयल इंडिया लिमिटेड

 एनएमडीसी - राष्ट्रीय खनिज विकास निगम

 HCL - हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड

 एनबीसीसी


👉 *2013-14 में मनमोहन सिंह ने 12 कंपनियां बेचीं*-

manmohan singh and sonia gandhi

 एनएचपीसी - नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन

 भेल - भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड

 ईआईएल - इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड

 एनएमडीसी - राष्ट्रीय खनिज विकास निगम

 सीपीएसई - सीपीएसई-एक्सचेंज ट्रेडेड फंड

 PGCI - पावर ग्रिड कॉर्पोफ़ इंडिया लि।

 एनएफएल - राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड

 MMTC - धातु और खनिज व्यापार निगम

 HCL - हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड

 आईटीडीसी - भारतीय पर्यटन विकास निगम

 एसटीसी - स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन

 एनएलसी - नेयली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड

list of disinvestment

  *इन सभी का प्रमाण भी है...* 


 1.) वित्त मंत्रालय, केंद्र सरकार के तहत, *निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट* पर जाएँ: 

 2.) सबसे पहले *Dis-Investment पर क्लिक करें।  इसके बाद Past Dis-Investment पर क्लिक करें*


 3.) पोस्ट में दिए गए सभी डेटा वहां उपलब्ध हैं।


 *मैंने यह पोस्ट उन लोगों की आँखे खोलने के लिए किया है, जो सोचते हैं कि मोदी देश को बेच रहे हैं।  मोदी देश को बेच रहे हैं, तो मनमोहन पहले ही देश को बेच चुके हैं।*


  @ #झूठ परोसने वालों की भाषा में - *मनमोहन सिंह ने 2009-14 में  33 बार 26 सरकारी कंपनियों को बेचा!*


1991 indian economy

 ● इसको बेचना नही कहते,ये जो काम चोर ओर हराम के खाने के आदि हो गये हैं न उनको ड्यूटी करना सिखाने के लिये ये सब करना जरूरी हैं,आप देख सकते हैं कोई निजी उपक्रम या छोटी सी पान चाय की दुकान तक घाटे में नही चलती,अगर कोई कारणवश घाटे में आ जाती हैं उसे तत्काल बन्द कर देते हैं,आज भी आप SBI की कोई शाखा में जाएंगे तो आप झलाहट महसूस करेंगे,बाकी बैंको में आपका स्वागत के साथ काम भी तत्काल होगा,अच्छी सर्विस भी मिलेगी,लेकिन अपने पप्सा को तो कुछ तो कम चाहिए न,क्योकि इस मिथ्याचरण के ही तो स्पोंसर अकूत धन देते हैं,ये उनके छुपे एजेंडे हैं,

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