गाय का घी राम बाण इलाज 





वर्तमान में कोरोना वाइरस को लेकर बहुत  भ्रान्तिया है  | इस असमंजस के माहौल में क्या करे क्या ना करे की सताती बनी हुई है | कोरोना से संक्रमित हुए कुछ लोग जो वापस ठीक हुए है उनके अनुभव के अधर पर हम आज आपको बताएँगे की कैसे थोड़ी सी सावधानी से आप खुद को बचा सकते है |

 

अधिकतर गंभीर मरीज ठीक कम हो रहे है | इस लिए जो गंम्भीर मरीज ठीक हो रहे है उनका अनुभव बहुत बहुत उपयोगी हो सकता है | की कैसे उनको ओक्सिजन की कमी महसूस होती थी और कैसे उन्हने स्वयं को ठीक होते देखा |

 

विशेषज्ञों की माने तो कोरोना पहले गले में फिर फैफड़ों  तक पहुचता है और शरीर में ओक्सिजन पहुचने के रास्ते बंद कर देता है | इसी करना शरीर में ओक्सिजन की मात्र की कमी हो जाती है | गला और नाक  सूख जाते है और पूरी तरह से जाम हो जाते है | इसी कारण से सांस अन्दर नहीं पहुँच पाती और घुटन होती है |

oxygen

 

कोरोना से ठीक हुए मरीजो का अनुभव पता करने के बाद यही बात सामने आई है की नाक और गले के सूख जाने के कारण ओक्सिजन सिलेंडर लगाने के बाद भी ओक्सिजन अन्दर नहीं जा रही है | समस्या ओक्सिजन की कमी की नहीं है | ओक्सिजन शरीर के अन्दर नहीं जा रही है | यही कारण है की लोग ज्यादा मर रहे है |

 

इसका समाधान आयुर्वेद में है की गले और नाक को सूखने नहीं देना है और इसके लिए नाक में देशी गाय का घी डाला जाय | जिससे नाक बंद भी नहीं होगा ना ही नाक सुखा रहेगा | गाय का घी मष्तिष्क के लिए भी उपयोगी है | नाक में ही घी डालने से मस्तिष्क की नसों तक पहुचता है |

 

नाक में घी डालने से कई मरीजो को 2 से 4 घंटो में आराम मिलना शुरू हो गया है | और कई यो के सिलेंडर भी हट गए वे अब प्राकर्तिक सांस ले रहे है | इसलिए जितना हो सके नाक में एक या दो बूँद घी डाला जाना चाहिए | यदि आप संक्रमित है अथवा नहीं फिर भी गाय के घी को नाक में अवश्य डालना चाहिए |

 

 

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