हिन्दुओं के लिए सबक
बहुत कम लोग शायद जानते हैं कि इस समय विश्व का एकलौता यहूदी देश #इजरायल अपना "50वाँ विजय दिवस" मना रहा है। लेकिन 51 साल पहले इसी दिन हुआ क्या था?
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Israel |
जिस तरह 1947 में भारत पाकिस्तान से अलग हुआ उसी तरह इजरायल फिलिस्तीन से अलग हुआ था।
बस अंतर इतना था कि पाकिस्तान मुसलमानों के देशद्रोह का नतीजा था और इजरायल यहूदियों के अधिकारों का क्योंकि फिलिस्तीन तो क्या पूरा मध्य एशिया कभी यहूदियों का था। लेकिन इस्लाम फैलने के साथ साथ इज़रायल सिमटता गया। 1947 में इज़रायल बना और 4 जून 1967 को मिस्र, सीरिया, जॉर्डन, इराक, लेबनॉन, अल्जीरिया, कुवैत, लीबिया, मोरक्को, पाकिस्तान और ट्यूनीशिया इन सभी मुस्लिम देशों ने मिलकर इज़रायल पर हमला कर दिया।
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Israel arab war |
इज़रायल में उस समय 20% मुसलमान थे ये 20 सालों से इज़रायल को बहुत प्यार कर रहे थे। मगर जैसे ही उन्हें पता चला कि खुदा ने 1967 में इज़रायल को मिटाने के लिए इराक और कुवैत से फौज भेजी है इन्होंने इजरायल में दंगे फसाद शुरू कर दिये और गृहयुध्द की हालत बना डाली। इज़रायल बेचारा बुरी तरह फंस गया क्योंकि उसे बने 20 साल भी पूरे नहीं हुए थे, सेना पर्याप्त नहीं थी और इजरायल के अंदर बैठे मुसलमान ज्यादा उत्साहित थे इसलिए पुलिस प्रशासन उनसे भिड़ने में व्यस्त था।
बेचारा अकेला इज़रायल फिर भी युद्ध में कूदा, इज़रायल के मुसलमानों ने पहले दिन एक व्यापारिक इमारत में बम धमाका किया, जवाब में इज़रायल रोया नहीं बल्कि उसने सीधे ग्रेनेड फेंक दिए। अब यहूदियों का सब्र टूट चुका था उनके नागरिक भी अब इस लड़ाई में कूद पड़े।
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Yerushalaim |
शुरू के चार दिन इज़रायल सरकार का ध्यान सिर्फ़ इजरायल के मुसलमानों पर था हालांकि इस बीच उन्होंने इराक और लीबिया की सेना को पीछे धकेल दिया। बाहर सेना लड़ रही थी अंदर नागरिक, देशभक्ति और एकता का ऐसा नजारा इतिहास में कभी नहीं देखा।
चार दिनों में यहूदियों ने अपने घर के भेदियों को पूरी तरह कुचलकर जन्नत की ओर रवाना कर दिया, अब उनके नागरिक सेना का हाथ बटाने सीमा पर आ गए और छठवां दिन पूरा होते-होते सारे इस्लामिक देश पीठ दिखाकर भाग चुके थे।
इजरायल ये युद्ध जीत चुका था।
अब इस युद्ध में भारत के लिए हज़ारों सबक छुपे हैं,
आप ये सोचिये कि ये युद्ध छ: दिन चला। इज़रायल को चार दिन अपने अंदर के मुसलमानों पर काबू पाने में लग गए जबकि बाहर वालों को उसने दो दिन में कूड़े में फेंक दिया।
इजरायल के युद्ध से दो साल पहले 1965 में भारत ने पाकिस्तान से युद्ध किया था जिसमें भारत के मुस्लिम रेजीमेंट के मुस्लिम सैनिकों ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने से मना कर दिया था।
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India me muslim resiment nahi hai |
आशा है आप भारत और इजरायल के मुसलमानों की एक जैसी मानसिकता की तुलना कर पा रहे हैं।
मगर अंतर सिर्फ इतना था कि भारत में मुसलमान दंगे करने की हिम्मत न जुटा सके क्योंकि उनकी आबादी 1950 में तब मात्र 6% थी जबकि इजरायल में यही आबादी 20% हो गयी थी इसलिए वहाँ दंगे कर लिए।
मगर सावधान रहिये। अब भारत में ये आबादी 6% नहीं है बल्कि 20% है,
मैं आगे जो कहना चाहता हूँ वो आप समझ ही गए होंगे।
इस युद्ध का दूसरा संदेश यह है कि यहूदी मुसलमानों का असली रंग समझ चुके इज़रायल ने मुसलमानों पर सीधे कड़े कानून लागू कर दिए।
देशद्रोह की सज़ा उन्हें मौत के रूप में दी थी l
और अब आखिरी संदेश कि अभी भी जाग जाओ।
यहूदियों ने यह बताया है कि युद्ध में विजय आपकी आबादी की मोहताज नहीं है बल्कि आपकी एकता में है l
अपने लोगों को कोसने की जगह एकजुट करना सीखिए।